कोई दूसरा टिप्पणी में अपनी योग्यता अनुसार विचार व्यक्त करता है, मेहनत करता है, वक्त खपाता है और फिर कोई गले में न पचने वाला तर्क देकर उस मेहनत पर पानी फेर दिया जाए, निश्चित रूप से आहत करने वाला है...
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कारण-बार-बार अधिक खाने, न पचने वाला भोजन करने, मांस, मछली अभक्ष्य पदार्थों के खाने से, अधिक भार उठाने से, अपने से अधिक बलवान् से कुश्ती करने से, तीनों दोषों के बिगड़ने से, हृदय से मसान तक गांठों के समान गोला उत्पन्न हो जाता है ।